सतना।जैव विविधता सतिति की तृतीय बैठक जनपद ,मैहर के सभागार में बी.एम.सी मैहर की सभापति प्रिया प्रभात द्विवेदी की अध्यक्षता में परियोजना के प्रधान अन्वेषक आर.सी.त्रिपाठी, उपसंचालक वानिकी ए.के.एस विश्वविद्यालय सतना, के आयोजकत्व में दिनांक 18 अगस्त को संपन्न की गई।बैठक में मैहर जनपद के बी.एम.सी. के सदस्यों के साथ लाइन विभाग वन,कृषि,उद्यानिकी,पशुपालन, शिक्षा तथा मत्स्य विभाग के जनपद स्तरीय अधिकारियों, सहित विभिन्न विषय के स्त्रोत व्यक्तियों ने भाग लिया।प्रधान अन्वेषक द्वारा लोक जैव विविधता पंजी का तृतीय चरण का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया । सदस्यों एवं स्त्रोत व्यक्त्यिों द्वारा प्रपत्र 1 से 8 तक का अवलोकन कर तैयार जानकारी की पुष्टि की जाकर अपने सुझाव भी दिये।बैठक मैं कामता प्रसाद शुक्ला सदस्य द्वारा कृषि जैवविविधता के हो रहे नुकसान की चर्चा कर सुझाव दिया गया कि पारंपरिक कृषि के माध्यम से विलुप्त हो रही कृषि जैवविविधता के संरक्षण के लिये प्रयास की आवश्यकता है।
सभापित महोदया ने जनपद के तराई के गाँवों में भेड़ पालकों की समस्याओं को रखा। उन्होंने बताया कि लगभग 7000 से अधिक भेड़े हैं इनसे प्राप्त उन के विपणन की व्यवस्था करना आवश्यक है अन्यथा यह विविधता विलुप्त हो जायेंगी।
मणिदीप तिवारी एवं विपिन सिंह सदस्य द्वारा खनिज उत्खनन के कारण कम हो रही वानिकी जैवविविधता के सम्बन्ध में ध्यान आकृष्ट कर इनके संरक्षण की व्यवस्था करने हेतु सुझाव दिये गए। प्रभात द्विवेदी, स्त्रोत व्यक्ति ने नेशनल हाइवे के निमार्ण से क्षति हुए वृक्षों के स्थान पर अच्छे पौधों के रोपण,शारदा पहाड़ी के जैवविविधता संरक्षण,जल संरचनाओं के संरक्षण से जलीय जैवविविधता बचाने के संबंध में अपने सुझाव दिए।क्षेत्र के त्यौहरों, विलुप्त हो रही परंपराओं तथा जैवविधिता प्रबंधन प्लान की रूपरेखा के संबंध में भी प्रधान अन्वेषक द्वारा सभी को समझाया गया। सभी ने तैयार प्रतिवेदन पर अपनी स्वीकृति दी। बैठक धन्यवाद प्रस्ताव उपरांत समाप्त हुई।